Sanskriti Edu. Cons.
Bihar Government Student Loan Scheme provides financial support for higher education, offering education loans of up to ₹4 lakh to eligible students so they can pursue their studies without financial barriers.
Higher education support
Student friendly scheme
Bihar Government
Simple documentation
Sanskriti Edu. Cons. को वर्ष 2018 से लगातार बिहार, झारखण्ड के निवासियों से भरपूर सहयोग, विश्वास एवं प्यार मिला है। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं व हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है की हमारी संस्था विद्यार्थियों को कैरियर हेतु उनकी दुविधाओं को सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शन देता आया है।
2 अक्टूबर 2016 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की शुरूआत की इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि इसके द्वारा बिहार के बच्चों को पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता ज्यादा से ज्यादा दी जा सके बिहार में ऐसे बहुत से बच्चे है जो पैसों की कमी को वजह से स्कूल के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देते है इस योजना के द्वारा बच्चों को पढ़ने के लिए आगे मौका मिलेगा।
संस्कृति एडु. कंस. का मुख्य उदेश्य निः स्वार्थ भाव से समाज के सभी वर्ग विशेष कर मध्यम एवं निम्न वर्ग को उच्च शिक्षा प्रदान करना है विद्यार्थीयों को शिक्षा छात्रवृत्ति और रोजगार मुहैया कराना तथा युवा छात्र-छात्राओं को योग्य व्यक्ति के रूप में तैयार कर देश के विकास में अहम भूमिका निभाना।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए राज्य सरकार कई मकसद पूरा करना चाहती हैं
1. राज्य में उच्य शिक्षा के लिहाज से
साक्षरता के आंकड़े में सुधार।
2. राज्य के विद्यार्थियों को
10वीं, 12वीं तथा स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद आगे कि पढाई न छोडने देना।
3. सरकार राज्य में मौजूद
टैलेंट को बढ़ावा देना चाहती है।
4. सरकार चाहती है कि
लोन के लिए विद्यार्थियों को
बैंक का चक्कर नहीं करना पड़ा।
5.
कुशल युवा कार्यक्रम के लाभार्थी भी आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए
इस योजना का लाभप्राप्त कर सकते है।
नोट - इस योजना में किसी भी तरह का बदलाव होता है, उसकी जिम्मेवारी संस्था की नहीं होगी।
वर्तमान में राज्य का उच्च शिक्षा में ग्रॉस एनरोलमेंट रेशों (गेर) 14:3 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह अनुपात लगभग 24% है। राज्य सरकार का ध्येय है कि बिहार का गेर राष्ट्रीय औसत के बराबर करते हुए 30% तक की वृद्धि करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायें एवं राज्य को विकसित राज्यों की अग्रणी पंक्ति में खड़ा किया जाए।
इस योजना का लक्ष्य आवश्यकता के अनुसार लचीला होगा। जितने पात्र विद्यार्थी इस योजना के लाभ हेतु इच्छुक होंगे, उतने विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 75,000 एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,00,000 अनुमानित विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ उपलब्ध कराने का प्रारंभिक अनुमान है।
इस योजना के तहत बिहार राज्य के निवासी वैसे विद्यार्थी जिन्होंने बिहार राज्य एवं सीमावती राज्यों से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की हो तथा उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु लोन के लिए इच्छुक हों, उन्हें बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए अनिवार्य है कि
1. विद्यार्थी द्वारा बिहार एवं अन्य राज्य या केन्द्र सरकार के संबंधित नियामक एजेन्सी द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा हेतु नामांकन लिया गया हो या नामांकन के लिए चयनित हो। यह लोन उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रमी, विभिन्न व्यवसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए दी जा सकेगी।
2. इस योजना के अन्तर्गत बिहार राज्य से मान्यता प्राप्त संस्थानों से 12वीं अथवा समतुल्य (पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए 10वीं) परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी तथा बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों के सीमावर्ती प्रखंडों के सीमावर्ती राज्य यथा झारखंड, उत्तर प्रदेश एवं पं. बंगाल के विद्यालय या बोर्ड से 10वीं/ 12वीं, +2 (पॉलीटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए 10वीं) उत्तीर्ण बिहार राज्य के मूल निवासी विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सकेगा।
3. आवेदक विद्यार्थियों के हॉस्टल में रहने की स्थिति में आवेदक के शैक्षणिक संस्थान को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। शिक्षण संस्थान के हॉस्टल में नहीं रहने की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए फीस के अतिरिक्त अन्य रहने के खर्च के लिए शहरों के लिए निर्धारित किये गए मानक की निर्धारित दर पर आवेदक को उपलब्ध कराई जाएगी। महँगाई के आधार पर रहने एवं जीवन-यापन के दर में आवश्यकतानुसार शिक्षा विभाग द्वारा वृद्धि की जा सकेगी।
4. इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की तिथि को आवेदक की आयु 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। स्नातकोत्तर स्तर के वैसे निर्धारित पाठ्यक्रम जिनमें नामांकन हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक उत्तीर्ण है, के लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष होगी।
5. यदि आवेदक के पास एक स्तर की उपाधि परिलब्ध है, तो उसी स्तर की उपाधि के लिए इस योजनान्तर्गत आच्छादन नहीं किया जाएगा। यह प्रावधान तकनीकी अथवा प्रबंधकीय पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा। उदाहरणस्वरूप विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त व्यक्ति को पुनः कला, विज्ञान के किसी अन्य संकाय में अथवा वाणिज्य में स्नातक स्तर की शिक्षा हेतु इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। परंतु विज्ञान, कला अथवा वाणिज्य में स्नातक योग्यताधारी आवेदक को एमबीए/एमसीए इत्यादि करने के लिए योजनान्तर्गत आच्छादन की पात्रता रहेगी।
6. लाभार्थियों के द्वारा पढ़ाई को किसी भी कारण से बीच में छोड़ने पर लोन की शेष राशि संस्थान या विद्यार्थी को उपलब्ध नहीं करायी जाएगी अर्थात इस योजना के तहत विद्यार्थी को शिक्षा लोन की अगली किस्त उनके संबंधित संस्थान या पाठ्यक्रम में अध्ययनरत रहने की स्थिति में ही उपलब्ध कराई जा सकेगी।
इस योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे या संस्था कॉउसलिंग गाइडेंस अथवा नजदीकी कार्यालय से अपना आवेदन प्राप्त एवं जमा करना है।
इस योजना का लाभ लेने हेतु इच्छुक युवा अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं आवासीय प्रमाण पत्र बनवा लें। किसी बैंक में अपना खाता खुलवा लें एवं अपना ई-मेल आई.डी. बना लें।
इस योजना के अंतर्गत शिक्षा लोन अधिकतम चार लाख रूपये तक स्वीकृत की जाएगी। इस लोन राशि पर मोराटोरियम अवधि जो कि पाठ्यक्रम समाप्ति से एक वर्ष तक अथवा आवेदक के नियोजित होने के अधिकतम 6 माह (जो सबसे पहले हो) तक ब्याज की राशि देय नहीं होगी। इस लोन राशि पर सरल ब्याज (सिंपल इंटरेस्ट) की दर 4 प्रतिशत होगी। इसके अंतर्गत महिला, दिव्यांग एवं ट्रांसजेन्डर आवेदकों को मात्र 1 प्रतिशत सरल ब्याज की दर से लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
शिक्षण शुल्क एवं संस्थान में जमा किये जाने वाले अन्य शुल्क आरटीजीएस/नेफ्ट अथवा विशेष स्थिति में बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से संस्थान को उपलब्ध कराई जाएगी। छात्रावास के बाहर रहने की स्थिति में आवेदक को वर्गीकृत शहरों के लिए तय मानक के अनुरूप निर्धारित राशि तथा पाठ्य-पुस्तक एवं पठन-लेखन सामग्री हेतु निर्धारित राशि आवेदक के खाते में उपलब्ध कराई जाएगी।
आवेदक/सह-आवेदक द्वारा वार्षिक / सेमिस्टर परीक्षा उत्तीर्णता या अग्रणित होने का प्रमाण-पत्र, जो अंक-पत्र अथवा संस्थान द्वारा निर्गत इस आशय का प्रमाण-पत्र होगा, को ऑनलाईन संलग्न करते हुए अगली किस्त के भुगतान हेतु डीआरसीसी पर आवेदन उपलब्ध कराया जाएगा।
नोडल पदाधिकारी के द्वारा संतुष्टि के उपरांत अधिकतम तीन दिनों के अंदर अनुशंसा पत्र उपर्युक्त अंकित अभिलेखों के साथ निगम को उपलब्ध कराया जाएगा। तदनुसार, निर्धारित दस कार्य दिवस के अंदर निगम के द्वारा राशि विमुक्त की जाएगी।
आवेदक से प्राप्त अंक पत्रक / प्रमाण पत्रों में से आवश्यकतानुसार अथवा न्यूनतम एक प्रतिशत आवेदन का सत्यापन / जाँच टीपीवा द्वारा कराया जा सकेगा।
मोराटोरियम अवधि की समाप्ति के पश्चात् 2 लाख रु तक के लोन को अधिकतम 60 मासिक किस्तों में तथा 2 लाख से उपर के लोन को अधिकतम 84 मासिक किस्तों में वापस किया जा सकेगा। उपरोक्त निर्धारित अधिकतम अवधि से पूर्व लोन वापसी की स्थिति में 0.25 प्रतिशत
उपरोक्त निर्धारित अवधि में नियोजन नहीं होने या स्वरोजगार एवं अन्य साधनों से आय नहीं होने की स्थिति में लोन वसूली स्थगित रखी जाएगी, किन्तु इसके लिए प्रत्येक जून एवं दिसम्बर के अंतिम पखवारे में आवेदक को इस आशय का शपथ पत्र डीआरसीसी पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा कि आवेदक नियोजित / स्वरोजगार अथवा अन्य किसी साधनों से आय प्राप्त नहीं कर रहा है।
उपरोक्त वर्णित स्थितियों के अलावा सम्पूर्ण निर्धारित अवधि के पश्चात् यदि आवेदक/सह-आवेदक लोन की वापसी नहीं करते हैं, तो उनके विरूध पीडीआर एक्ट (पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट) के प्रावधानों के अंतर्गत अथवा विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
अधिकांश विद्यार्थी जानकारी के अभाव में सरकार द्वारा दी गई आर्थिक सहायता एवं सुविधाओं से वंचित रह जाते है और उच्चशिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते है।
प्रवेश के समय दिया जाएगा और कॉलेज या छात्रावास की की राशि प्रवेश के बाद छात्र के कॉलेज खाते में जमा किया जाएगा।
कॉलेज/यूनिवर्सिटी से हर छात्रों की राशि प्रवेश के समय पर ही मंजूर हो जाएगी।
छात्र/छात्रों से कोई अतिरिक्त शुल्क कॉलेज द्वारा नहीं लिया जाएगा।
बीएससीसी योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरना अनिवार्य है।
कॉउसलिंग के समय विद्यार्थियों को इस योजना की पूरी जानकारी तथा कोर्सेज, कॉलेजेस, प्लेसमेंट्स, हॉस्टल, कॉलेज लोकेशन एवं अन्य जानकारी विस्तृत में दी जाएगी।
इस आयोजन का लाभ उठाने हेतु कॉउसलिंग गाइडेंस द्वारा आयोजित सेमिनार में उपस्थित होना अनिवार्य है। सेमिनार की तिथि एवं नजदीक का केन्द्र की जानकारी फोन द्वारा दी जाएगी।
कॉउसलिंग के समय विद्यार्थी स्वयं अपने इच्छानुसार कॉलेज, कोर्स एवं ब्रांच का चुनाव कर सकते है।
कॉउसलिंग के बाद विद्ययार्थी अपने लिए एक सीट का अलॉटमेंट भी करवा सकते है। कॉउसलिंग संभवतः मई के महीनों में आयोजन किया जाएगा।
पहले ऐसी दुविधा कम हुआ करती थी क्योंकि +2 के बाद छात्र आगे ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए B.A./ B.COM या B.Sc. जैसे Traditional Course में एडमिशन लेते थे। लेकिन आज तकनीकी शिक्षा को ज्यादा वरीयता दी जा रही है।
यह ट्रेड लगभग पूरे भारत में देखा जाता है कि इंटर की पढ़ाई के पश्चात आगे की पढ़ाई हेतु छात्र मेडिकल एवं इंजीनियरिंग जैसे कोर्स की तैयारी करते है। ऐसे में अगर हम देख पायेंगे की जिस बड़ी संख्या में छात्र इन तकनीकि पाठ्यक्रमों के लिए तैयारी कर रहे है. सफलता उस अनुपात में नहीं प्राप्त हो पाती है।
इनफोसिस के चेयरमैन श्री नारायणमूर्ति ने इस ओर ईशारा करते है की विद्यार्थीयों में से मात्र 30% से 40% विद्यार्थी ही रोजगार पाने लायक हैं। ऐसे में प्रश्न उठाना स्वभाविक है की बाकी बचे लोगो को वह रोजगार पाने उपयुक्त क्यों नहीं समझते हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण यह है की छात्र अपनी रूचि तथा क्षमता को समझते हुए अपना Internal & Assessment (स्व-आकलन) करे और साथ ही External Factors जैसे की Economic Scenarios/ Industry Trends एवं Job Market की Demand को ध्यान में रखते हुए आगे की पढाई को रूपरेखा बनाये ताकि उनकी सफलता सुनिश्चित हो सके।
सफलता एक संयोग मात्र नहीं, बल्कि स्थिति चुनौतियों एवं अपनी क्षमताओं का सही आकलन कर योजना बनाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का नाम है, और यदि इसी लक्ष्य का शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहार स्वरूप लायें जाये तो छात्रों के सफल होने की संभावना कई गुणा बढ़ सकती है।
वर्तमान में छात्रों के लिए मेडिकल एवं इंजीनियरिंग जैसे कोर्स के प्रचलित विकल्पों के अलावा कई अन्य बहुउपयोगी विकल्प मौजूद हैं। किस छात्र के लिए कौन सा कैरियर बेहतर होगा इसका निर्णय लेने हेतु छात्र की रूचि एवं क्षमता का आकलन करते हुए उपलब्ध विकल्पों पर विचार करने की जरूरत होती है और ऐसे में कॉउसलिंग गाइडेंस की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है।
हमारे संस्था कि ओर से कॉउसलिंग गाइडेंस की सुविधा निःशुल्क दी जाती है।
हम उस दौर का हिस्सा है जिसमें तेजी से बदलाव हो रहे है ऐसे में हम अधिक यही कर सकते है कि दुनिया भर में एकेडमिक और व्यवसायिक क्षेत्र में हो रहे बदलावों के अनुरूप बने ताकि जब बदलाव की लहर हम तक पहुंचे तो हम असहाय न रह जाएं।
आने वाले समय के लिए कुछ ऐसे कैरियर विकल्प भविष्य में मांग वाले जॉब के संकेतक भर है। इनके बारे में जानकारी लें और अपनी रूचि के अनुसार फैसला करें।